1. समर्पण की भावना
सच्चे प्यार में समर्पण की भावना होती है। जो सच्चा प्यार करते हैं, वे पार्टनर के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। पार्टनर की खुशी के लिए वे कोई भी तकलीफ उठाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वहीं, जो लोग मतलब से रिश्ता रखते हैं, उनके लिए त्याग की भावना कोई मायने नहीं रखती।
2. कोई शर्त नहीं रखना
कहा गया है कि कोई शर्त होती नहीं प्यार में। सच्चे प्यार के लिए यह सबसे सटीक बात कही गई है। जो लोग सच्चा प्यार करते हैं, वे किसी तरह की शर्त नहीं रखते। किसी तरह की ऐसी मांग नहीं रखते, जिसके पूरा नहीं होने पर रिश्ता तोड़ दें। वे अपने पार्टनर को उसकी खूबियों और खामियों के साथ, यानी संपूर्णता में स्वीकार करते हैं। ऐसा नहीं कि कोई खामी नजर आई तो दूर हो गए।
3. सच बोलना
जो सच्चा प्यार करते हैं, वे पार्टनर से सच बोलते हैं। अक्सर लोग अपनी अच्छाइयों को ही सामने रखते हैं और बुराइयों को छिपाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सच्चा प्यार करने वाले अपनी कमियों को भी साफ बता देते हैं। वे यह उम्मीद करते हैं कि पार्टनर के सहयोग से अपनी कमियों को दूर कर सकेंगे।
4. कड़वी बातें नहीं कहते
सच्चा प्यार करने वाले पार्टनर से कड़वी बातें नहीं करते। वे किसी भी हाल में अपने पार्टनर को दुखी नहीं देख सकते। इसलिए वे पार्टनर की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाते। वहीं, अगर उनसे कोई गलती हो गई हो तो वे माफी मांगने में भी जरा देर नहीं करते। दिल के सच्चे लोग ही सच्चा प्यार कर सकते हैं।
5. हर मुसीबत में देते हैं साथ
जो सच्चा प्यार करते हैं, वे हर मुसीबत में पार्टनर का साथ देते हैं। उसके लिए कोई भी परेशानी झेलने को तैयार रहते हैं। वहीं, सतही संबंध रखने वाले पार्टनर के मुसीबत में पड़ने पर किनाराकशी कर लेते हैं। वे सुख के साथी होते हैं, दुख के नहीं। लेकिन सच्चा प्यार करने वाले दुख की घड़ी में और भी करीब आ जाते हैं।
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