किसी भी तरह की अश्लील इलेक्ट्रॉनिक सामग्री को प्रकाशित या ऐसा करने में सहायता करना गैरकानूनी है। इसमें पांच साल की सजा और तीन लाख रुपए का जुर्माना है। इसमें वीडियो, तस्वीरें, स्कैच और टेक्स्ट शामिल होता है। चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी में इस प्रकार की सामग्री को देखना भी गैरकानूनी है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारत में 800 से ज्यादा पॉपुलर पॉर्न साइट्स को बैन कर दिया गया, जिनमें Xvideos और Pornhub जैसे पॉर्न साइट्स शामिल हैं। दरअसल देहरादून में 10वीं की छात्रा का उसी के 4 सीनियर छात्रों ने गैंगरेप किया था। इसी घटना पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को पॉर्न साइटों पर बैन लगाने का आदेश दिया था।
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