कोरोना का बढ़ता कहर आज 168 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। विश्व की सरकारें लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रही हैं। सरकार के अलावा शायद आप लोगों ने सोशल मीडिया साइट्स पर ठंडी चीजों से दूर रहने और धूप सेकने जैसी खबरें भी पढ़ी होंगी। उन Messages के मुताबिक आप जितना खुद को गर्म रखेंगे उतना आप कोरोना वायरस से बचे रहेंगे, मगर यूनीसेफ के मुताबिक इन खबरों को नकारा जा रहा है। उनका कहना है, "हाल ही में एक मैसेज यूनिसेफ़ के नाम से ऑनलाइन फैलाया जा रहा है कि आइसक्रीम और ठंडी चीज़ों से दूर रहने से इस वायरस से बचा जा सकता है, यह पूरी तरह से झूठा मैसेज है."
यूनीसेफ की मानें तो कोरोना के कण हवा में मौजूद होते हैं। ठंडी चीजों से परहेज या फिर खुद को गर्म रखने से इस वायरस से आप नहीं बच पाएंगे, क्योंकि हवा के अलावा दरवाजों पर, आपके कपड़ों पर इस वायरस के कण मौजूद होते हैं। जिनसे बचने के लिए आपको खुद का मुंह कवर रखना पड़ेगा और जितना हो सके आने वाले 2 हफ्ते तक बच्चों और घर के बुजुर्गों को घर के अंदर ही रहना पड़ेगा। इसका मतलब यह नहीं कि नौजवान जैसे चाहें बाहर घूम फिर सकते हैं। नौजवान भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं, बस उनके ठीक होने के चांसिस कुछ ज्यादा हैं।
रिसर्च के मुताबिक जो व्यक्ति मुंह पर बिना हाथ रखे छींकते हैं, तो उस छींक में मौजूद कोरोना के वायरस हवा में 3-4 घंटे के लिए मौजूद रहते हैं। दरवाज़े का हैंडल, लिफ्ट बटन पर यह कण 48 घंटों तक मौजूद रहते हैं।
स्टील की सतह पर गिरा कोरोना का कण 2 से 3 दिन तक एक्टिव रहता है। कोरोना वायरस के कण कपड़े पर बहुत कम देर तक रहते हैं। रिसर्च के मुताबिक किसी भी मुलायम वस्तु पर कोरोना के कण आधे घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रहते। ऐसे में अगर आप एक दो दिन तक एक ही कपड़ा नहीं पहनते तो वायरस एक्टिव नहीं रहेगा।
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