Saturday 14 March 2020

सहवास के दौरान महिलाओं के चरम आनंद का कोई ठिकाना नहीं होता!!


अक्सर पुरुषों के मन में होता है कि अपने रूठे हुए साथी को कैसे मनाये सेक्स तभी चरम पर पहुंच सकता है जब दोनों पार्टनर शरीर और मस्तिष्‍क दोनों से एकाकार हो जाएं। एक का सुख दूसरे को सुख दे और एक की संतुष्टि दूसरे की चरम संतुष्टि बन जाए। सेक्‍स विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप संभोग के दौरान पूर्ण संतुष्टि यानी आर्गेज्‍म हासिल करना चाहते हैं तो इन रास्‍तों से होकर गुजरें।

चरम आनंद के रास्ते:

चरमतृप्ति या आर्गेज्‍म के समय महिला की योनि द्वार, भगांकुर, गुदापेशी व गर्भाशय मुख के पास की पेशियां तालबद्ध रूप में फैलने व सिकुड़ने लगती है। कभी-कभी ये पांचों एक साथ गतिशील हो जाती है, उस समय स्‍त्री के आनंद की कोई सीमा नहीं रह जाती है। इसी दौरान वो अपने चरम सुख को प्राप्त करती हैं।


उसका गर्भाशय एक बार खुलता फिर बंद हो जाता है। इसमें कई स्त्रियों के मुंह से सिसकारी निकलने लगती है जिससे ये पता चला है कि वो चरम सुख को प्राप्त कर रही है। वहीं कुछ स्त्रियों में संपूर्ण योनि प्रवेश, गुदा से लेकर नाभि तक में सुरसुराहट की तरंग उठने लगती है। कई बार यह तरंग जांघों तक चली जाती है।


कुछ स्त्रियों को लगता है कि उनकी योनि के भीतर गुब्‍बारे फूट रहे हैं। यह योनि के अंदर तीव्र हलचल का संकेत है, जो स्‍त्री को सुख से भर देता है। इन्ही स्थिति में महिला अपने अत्यंत चरम सुख पर होती हैं।



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