शादी के बाद मर्दों पर कई जिम्मेदारियां आ जाती है। घर भी संभालना होता है और पत्नी की इच्छाएं भी पूरी करनी है। क्यों विवाह के दौरान पत्नी को सात वचन जो दिए है। विवाह के सात वचन के बाद ही कन्या उस पुरुष के वाम अंग में आकर बैठती है और उसकी पत्नि कहलाती है।
तो ये विवाह के सात वचन# कन्या कहती है,स्वामिन तीर्थ व्रत, उद्यापन, यज्ञ, दान आदि सभी शुभ कार्य तुम मेरे साथ करो तो में तुम्हारे वाम अंग में आऊॅ।
# यदि तुम हव्य देकर देवताओं को और कव्य देकर पितरों की पूजा करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग मैं आऊॅ।
# यदि तुम मेरी तथा परिवार की रक्षा करो तथा पशुओं का पालन करो तो मै तुम्हारे वाम अंग मै आऊँ। यह तीसरी बात कन्या ने कही।
# यदि तुम धन-धान्यादिकों का आय व्यय मेरी सम्मति से करो तो मै तुम्हारे वाग अंग में आऊँ। यह चौथा वचन है।
# यदि देवालय, बाग, कूप, तालाब, बावली बनवाकर पूजा करो तो मैं तुम्हारे वाग अंग में आऊँ।
# यदि तुम अपने नगर में या किसी विदेश में जाकर व्यापार या नौकरी करो तो मैं तुम्हारे वाग अंग में आऊँ।
# यदि तुम परायी स्त्री को स्पर्श न करो तो मैं तुम्हारे वाम अंग में आऊँ। यह सातवां वचन है।
ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार इन सात वचनों के बाद ही शादी संपन्न कही जाती है। कपल्स आपस में पति-पत्नी हो जाते है।
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