Thursday 17 December 2020

सेहत के लिए वरदान है ये शिमला मिर्च, इसके सेवन से शरीर को मिलते हैं कई फायदे


सब्जी, नूडल्स, सलाद और बेकरी उत्पादों में इस्तेमाल होने वाली शिमला मिर्च अब एनीमिया दूर करने का प्रमुख स्रोत बनेगी। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड 300 ग्राम वजन वाली शिमला मिर्च तैयार की है। इसे वातानुकूलित पॉलीहाउस में उगाया गया। फसल पूरी तरह से केमिकल मुक्त है। इसमें विटामिन, फाइबर और बीटा कैरोटीन भरपूर हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका पौधा भी सामान्य पौधों से बड़ा है और 10-11 फल लगते हैं। 


आमतौर पर शिमला मिर्च का वजन अधिकतम 190 ग्राम तक मिल रहा है। नई प्रजाति की एक मिर्च लगभग 300 ग्राम की है। वजन और भी बढ़ सकता है। सब्जी विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह और वैज्ञानिक डॉ. राजीव के मुताबिक शिमला मिर्च की यह प्रजाति पहाड़ों पर पैदा होती है मगर पॉलीहाउस तकनीक से इसका बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है। फल गूदेदार, मोटा, घण्टीनुमा होत है जिसमें उभार कम है। तीखापन भी सामान्य की अपेक्षा कम या नहीं के बराबर है। किसानों को इसका डेमो दिखाया जाएगा ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके।


इस शिमला मिर्च में पोषक तत्वों को बढ़ाने के लिए जैविक खनिज तत्वों का छिड़काव किया गया है ताकि बोरान, आयरन और जिंक की मात्रा फल में बढ़ाई जा सके। दो क्यारियों में इसे लगाया गया है जबकि आमतौर पर यह फसल तीन क्यारियों में लगाई जाती है। 


शिमला मिर्च के बीजों की बुआई करने से पूर्व जैविक ट्रीटमेंट दिया गया है। डॉ. राजीव के मुताबिक अभी यह जांच नहीं की गई है कि सामान्य की अपेक्षा खनिज तत्वों की मात्रा इसमें कितनी बढ़ी है। मगर यह तय है कि समान्य की अपेक्षा अधिक  है। इससे शिमला मिर्च के रखरखाव में भी आसानी होगी। लम्बे समय तक यह खराब नहीं होगी।


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