हिन्दू धर्म में होली भाई चारे का रंगों से भरा पर्व होता है। होली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं और आप जानते ही होंगे इस बार होली दस मार्च को है। इसी के साथ अगर आप फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान कुछ वास्तु की बातों का ध्यान रखेंगे तो आप नकारात्मक शक्तियों से बच सकते हैं।
अपनाएं ये वास्तु टिप्स:
# वास्तुशास्त्र के अनुसार होलिका दहन, आग तत्व की दिशा यानी की दक्षिण पूर्व में करना शुभ होता है इसी के साथ अगर आप होलिका पूजन अपने घर में कर रहे हैं तो उसे अपने पूजा स्थल में करने के बजाय किसी खुले आंगन या खुली जगह पर करें।
# वहीं अगर आपके घर के ब्रह्मस्थान में चौक बना हुआ हैं तो आप ठीक बीच में पूजा न करके चौक के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में करें। इससे आपको लाभ होगा।
# पंच तत्वों के संतुलन को बनाए रखने के लिए, घर के उत्तर और उत्तर पूर्व में होलिका दहन करना शुभ नहीं मानते हैं।
# ये जल की दिशाएं होती हैं और होलिका दहन के बाद प्रज्वलित आग की परिक्रमा करना लाभकारी होता है क्योंकि इससे रोग और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता हैं।
# अगर आपका घर पूर्व मुखी हैं और आप इस दिशा में होली खेल रहे हैं तो घर में मान सम्मान की वृद्धि के लिए सात्विक और शक्ति प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
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