Sunday, 8 March 2020

लड़कियों की इज्जत पर न आए आंच, इसलिए गर्म पत्थर से किया जाता है ये काम


विश्व में शायद ही कोई ऐसी जगह होगी जहां महिलाओं को यौन अत्याचारों या फिर रेप का सामना न करना पड़ता हो। अंतर सिर्फ इतना हो सकता है कि कोई इसका शिकार भीड़-भाड़ वाली जगहों पर हो रहा होगा तो कोई बंद दरवाजे के भीतर। ऐसे में इन महिलाओं की सुरक्षा का सारा दारोमदार खुद उनके ही ऊपर होता है। कोई इससे बचने के लिए पेपर स्प्रे साथ रखता है तो कोई पॉकेट नाइफ। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘वीमेन सेफ्टी’ के नाम पर इस दुनिया में एक ऐसी प्रथा है जिसे ‘चेस्ट आयरनिंग’ कहते हैं। यानी कि महिलाओं के स्तन न बढ़ें इसके लिए गर्म पत्थर से मसलकर उन्हें जला दिया जाता है।


बता दें कि, ये प्रथा कोई नई नहीं है इसके बावजूद इसका चलन जोर पकड़ रहा है। चेस्ट आयरनिंग नाम की इस प्रथा में महिलाओं के स्तनों को ऐसे दबाया जाता है कि उनका उभार पता न चले। यानी महिलाओं के साथ यौन अत्याचार न हो इसके लिए भी उन्हें गर्म पत्थर से ऐसे शारीरिक अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। हैरान करने बाली बात यह है कि ये प्रथा किसी छोटे मुल्क में नहीं बल्की यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित देशों में फल-फूल रही है।


मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, हजारों लड़कियां इस प्रथा का शिकार बनती हैं। जिसमें किसी की मां तो किसी की दादी या नानी एक बेहद गर्म पत्थर से लड़कियों के स्तन पर मसाज करती हैं जिससे उनके टिश्यू टूट जाएं और उनकी ग्रोथ रुक जाए। हालांकि ऐसा करने के पीछे उद्देश्य यही होता है कि उनके बच्चे यौन अत्याचारों और रेप के शिकार न हों।


वहीं इस प्रथा के बारे में डॉक्टरों का मानना है कि ये प्रथा काफी खतरनाक है। इसका लड़कियों की हेल्थ पर शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं आगे चलकर इन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां का सामना करना पड़ सकता है।


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