हर स्त्री को आर्गेज्म का अनुभव अलग होता है। चरमतृप्ति या आर्गेज्म के समय महिला की योनि द्वार, भगांकुर, गुदापेशी व गर्भाशय मुख के पास की पेशियां तालबद्ध रूप में फैलने व सिकुड़ने लगती है। कभी-कभी ये पांचों एक साथ गतिशील हो जाती है, उस समय स्त्री के आनंद की कोई सीमा नहीं रह जाती है। इसी दौरान वो अपने चरम सुख को प्राप्त करती हैं।
ऐसा हो जाता है लड़कियों का हाल:
वहीं बहुत सी ऐसी महिलाए है जो अनुभव करती है कि उसका गर्भाशय एक बार खुलता फिर बंद हो जाता है। इसमें कई स्त्रियों के मुंह से सिसकारी निकलने लगती है जिससे ये पता चला है कि वो चरम सुख को प्राप्त कर रही है।वहीं कुछ स्त्रियों में संपूर्ण योनि प्रवेश, गुदा से लेकर नाभि तक में सुरसुराहट की तरंग उठने लगती है। कई बार यह तरंग जांघों तक चली जाती है। उस समय स्त्री के चरम आनंद का कोई ठिकाना ही नहीं रहता है।
कुछ स्त्रियों को लगता है कि उनकी योनि के भीतर गुब्बारे फूट रहे हैं या फिर आतिशबाजी हो रही है। यह योनि के अंदर तीव्र हलचल का संकेत है, जो स्त्री को सुख से भर देता है। इन्ही स्थिति में महिला अपने अत्यंत चरम सुख पर होती हैं या फिर अपने चरम सुख को प्राप्त करती हैं।
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