चाय-कॉफी के शौकीन अक्सर इन्हें गर्म ही पीना पसंद करते हैं। चाय की गर्म चुस्कियों से दिल को सुकून मिलता है वहीं कॉफी की कड़क गरमाहट से दिमाग़ तरोताजा हो जाता है। मौसम यदि सर्द हो तो चाय-कॉफी के कितने ही प्याले गले से नीचे उतर जाते हैं। क्या कभी इस गरमाहट का आनंद लेते हुए सोचा है कि इनसे किसी तरह के खतरे की तो आहट नहीं होती। यह आपको डराने के लिए नहीं कहा जा रहा है परन्तु एक शोध के प्रमाणों के आधार पर आपको जागरूक करने का एक प्रयास है। चलिए विस्तार से जानते हैं।
इंटरनेशनल जॉर्नल ऑफ कैंसर में छपे एक अध्ययन, जो 40 से 70 वर्ष की आयु के लोगों पर किया गया, के अनुसार, अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के, फरहद इस्लामी कहते हैं कि, 'बहुत से लोग चाय, कॉफी या अन्य गर्म पेय पदार्थ पीने का आनंद लेते हैं। हालांकि, हमारे नतीजों के अनुसार, अधिक गर्म चाय पीने से ग्रासनलिय कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, और यह, इसलिए कहा जाता है कि गर्म पेय पदार्थ ठंडे होने पर ही पीना उचित है।"
शोध में दौरान फॉलो अप में 317 ग्रासनलिय कैंसर के नए मामले सामने आए। यह नतीजे दो तरह के समूह के बीच से आए। एक समूह जो प्रतिदिन 700 मिलीलीटर से कम चाय 60° सेल्सियस तक या उससे नीचे के तापमान की चाय पीता था वहीं दूसरा समूह प्रतिदिन 700 मिलीलीटर इससे या अधिक चाय 60° सेल्सियस या उससे अधिक तापमान की चाय पीता था। दूसरे समूह में ग्रसनलिय कैंसर के 90% ज्यादा मामले देखने को मिले।
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