Saturday, 28 August 2021

साल के 3 महीने अंधेरे में रहता था ये गांव, लोगों ने बना लिया खुद का 'सूर्य'

 
सूर्य की रोशनी हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। लंबे समय तक सूर्य की रोशनी नहीं मिल पाने की वजह से हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं। लोग रोशनी नहीं मिल पाने की वजह से नकारात्मक मानसिकता, नींद की कमी, मूड खराब रहने जैसी समस्याओं से जूझते हैं। 

लेकिन क्या आप जानते हैं  पृथ्वी के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है। उसी में से एक है इटली का विगल्लेना। इस गांव में सूरज नहीं निकलता है। गांव में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचने पर लोगों ने आर्टिफिशियल सूरज बना लिया है। 



चारों तरफ से पहाड़ से घिरा होने की वजह से विगल्लेना गांव में सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है। गांव मिलान के उत्तरी भाग में 130 किमी नीचे बसा है। यहां करीब 200 लोग रहते हैं। नवंबर से फरवरी तक तो यहां सूर्य की रोशनी की एक किरण नहीं पहुंच पाती है। 

इसे देखकर गांव के एक आर्किटेक्ट ने एक इंजीनियर साथी की मदद से इसका समाधान निकालने का प्रयास शुरू किया। गांव के मेयर का भी सहयोग मिला और साल 2006 में यहां आर्टिफिशियल सूर्य तैयार हो गया।


आर्टिफिशियल सूर्य के लिए आर्किटेक्ट ने 1 लाख यूरो खर्च किए। शीशे का वजन 1.1 टन है। इसे कंप्यूटर के जरिए ऑपरेट किया जाता है। 40 वर्ग किमी के शीशे को पहाड़ की चोटी पर लगवा दिया। इसे सूर्य की रोशनी शीशे पर पड़ी और गांव में पहुंचने लगी। इससे दिन में 6 घंटे लाइट का रिफ्लेक्शन हो जाता है। 


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