सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर परिवहन विभाग ने गाडि़यों पर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य कर रखा है। काफी प्रयास के बाद भी लोग इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अब इसे सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार से अभियान चलाया जाएगा। फिलहाल चार पहिया वाहन चालकों पर ही कार्रवाई होगी। अगर एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगवाने के लिए आवेदन किया जा चुका है तो उनका चालान नहीं होगा। उन्हें आवेदन वाली स्लिप दिखानी होगी। दूसरे राज्यों के पंजीकृत वाहनों को भी इस अभियान में शामिल नहीं किया गया है।
फिलहाल दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहनों को लेकर फैसला नहीं हुआ है। हल्के नीले रंग का स्टीकर पेट्रोल तथा सीएनजी वाहनों के लिए है, जबकि डीजल गाडि़यों पर नारंगी रंग का स्टीकर लगाया जाना है। इसका मकसद यह है कि डीजल की कारों को दूर से ही पहचाना जा सके। यहां बता दें कि दिल्ली में 2012 से एचएसआरपी लगाई जा रही है, लेकिन रंगीन स्टीकर 2 अक्टूबर, 2018 से सभी नई गाडि़यां में लगाया जा रहा है। इस हिसाब से यह सभी कारों में लगाया जाना है, जबकि एचएसआरपी 2012 से पहले की कारों व दो पहिया वाहनों में लगाई जानी है।
परिवहन विभाग बार-बार वाहन चालकों को आगाह करता रहा है कि वे एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगवा लें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। यहां तक कि इससे पहले विभाग ने 16 नवंबर को इस बारे में सार्वनजिक सूचना जारी की थी। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद लोगों को सचेत करना है कि लोग जागरूक हो जाएं और एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगवा लें। दिल्ली में गत 1 नवंबर से वाहनों में एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर लगाए जा रहे हैं।
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